निर्देशक अश्विन कुमार, जिन्होंने हाल ही में एनिमेटेड फिल्म महावतार नरसिंह बनाई है, ने भारतीय सिनेमा में पौराणिक कथाओं की भूमिका और एनिमेशन को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम चुनने के कारणों पर चर्चा की।
SCREEN को दिए इंटरव्यू में अश्विन ने कहा कि भारतीय पुराण कथाएं अत्यंत समृद्ध, गहरी और ऐतिहासिक रूप से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने पश्चिमी अवधारणा के अनुसार 'मिथोलॉजी' शब्द को नकारते हुए कहा कि हमारा अतीत 'मिथ्या' नहीं बल्कि सशक्त और गर्व करने लायक है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि हम इन कहानियों को आधुनिक तरीके से प्रस्तुत करें और नई पीढ़ियों के लिए पौराणिक यूनिवर्स बनाएं।
महावतार नरसिंह, जो भगवान विष्णु के एक अवतार पर आधारित है, ने अपने ओपनिंग वीकेंड में ₹7.5 करोड़ की कमाई की। यह फिल्म होम्बाले फिल्म्स की सात भागों वाली महावतार यूनिवर्स की पहली कड़ी है।
उन्होंने अभिनेता रणबीर कपूर की रामायण जैसी लाइव-एक्शन फिल्मों की तुलना में एनिमेशन को अधिक उपयुक्त बताया और कहा कि जब हम देवताओं को मानवीय चेहरों से जोड़ते हैं, तो हम उनकी सच्ची भावना से दूर हो जाते हैं। एनिमेशन के ज़रिए हम उन्हें अधिक श्रद्धा और रचनात्मकता के साथ प्रस्तुत कर सकते हैं।